CAA, यानी नागरिकता संशोधन कानून, भारतीय संविधान के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है जो देश में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की सुनिश्चितता के लिए लिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य उन लोगों की सहायता करना है जो अन्य देशों से भारत आए हैं और वहाँ किसी भी कारणवश अत्याचार या उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। इस कानून के तहत, इन अल्पसंख्यक समुदायों को भारत में स्थायी निवास स्थान और नागरिकता प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी सही सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
अल्पसंख्यकों को नागरिकता :
CAA के अंतर्गत, भारत के पड़ोसी देशों से आने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी। इसका लाभ हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों को होगा।
नागरिकता प्राप्ति की प्रक्रिया:
अल्पसंख्यक समुदायों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए उन्हें एक ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इसके बाद, सरकारी जांच के बाद उन्हें नागरिकता प्रदान की जाएगी। साल 1955 में पारित नागरिकता अधिनियम के तहत, बंग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले समुदायों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी।
अल्पसंख्यक समुदायों के नागरिकता प्राप्ति के अधिकारियों की सूची:
नागरिकता अधिनियम के अंतर्गत, बंग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले समुदायों को नागरिकता प्राप्त करने के अधिकारियों की सूची में 30 से अधिक जिलों के मजिस्ट्रेट और गृह सचिव शामिल हैं।
नागरिकता के लिए पात्र राज्य:
इस योजना के अंतर्गत, बंग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को नागरिकता प्रदान की जाएगी उन राज्यों में छत्तीसगढ़, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, गुजरात और राजस्थान शामिल हैं।
इसके साथ ही, भारतीय सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता के रूप में समुदायों के लिए नागरिकता प्राप्ति की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने का भी आश्वासन दिया है।